कुंडली मिलान क्यों जरूरी है? वैदिक दृष्टिकोण से समझें
भारतीय संस्कृति में विवाह से पहले कुंडली मिलान को एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया माना जाता है। यह न केवल परंपरा है, बल्कि इसके पीछे गहरा वैदिक तर्क भी है। आइए जानते हैं कि कुंडली मिलान क्यों आवश्यक है और इसमें कौन-कौन से मुख्य पहलू देखे जाते हैं।
---
1. गुण मिलान (Ashtakoot Milan)
कुल 36 गुण होते हैं जिन्हें मिलाया जाता है। इनका मिलान बताता है कि दंपति के स्वभाव, सोच और जीवनशैली में कितनी सामंजस्यता है। कम से कम 18 गुणों का मिलना शुभ माना जाता है।
---
2. मंगल दोष की जांच
अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष हो तो शादी के बाद वैवाहिक जीवन में तनाव या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। इस दोष की जांच ज़रूरी होती है ताकि समाधान निकाला जा सके।
---
3. स्वभाव और सोच की संगतता
जन्म कुंडली से व्यक्ति के स्वभाव, क्रोध का स्तर, सहनशक्ति आदि का पता चलता है। इससे यह समझा जा सकता है कि दो लोग लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ सहज रह पाएंगे या नहीं।
---
4. आर्थिक स्थिति और करियर की दिशा
कुंडली से यह भी जाना जा सकता है कि दंपति का करियर और आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी। इससे शादी के बाद के जीवन की स्थिरता का पूर्वानुमान लगाया जाता है।
---
5. संतान योग
कुछ मामलों में संतान प्राप्ति में बाधा आ सकती है, जो कुंडली में स्पष्ट दिखाई देती है। दोनों पक्षों की कुंडली मिलाकर इस विषय में जानकारी ली जाती है।
---
6. दीर्घायु और स्वास्थ्य योग
शादी का मकसद जीवनभर साथ रहना है। कुंडली मिलान से यह भी देखा जाता है कि दोनों की आयु और स्वास्थ्य में कोई बड़ा अंतर या बाधा तो नहीं है।
---
निष्कर्ष:
कुंडली मिलान एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो विवाह के बाद के जीवन को स्थिर, सुखी और समृद्ध बनाने में सहायक होती है। इसलिए केवल दिखावे या परंपरा समझकर इसे नजरअंदाज़ न करें — बल्कि अनुभवी ज्योतिषी की सहायता से सही निर्णय लें।
23rd July, 2025