जब कुंडली नहीं मिलती तब क्या करें? – वैवाहिक निर्णय का संतुलित तरीका
भारतीय विवाह परंपरा में कुंडली मिलान (Kundli Milan) का विशेष महत्व है। यह मान्यता है कि अगर वर-वधु की जन्म कुंडली मेल खा जाए, तो उनका दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। लेकिन जब कुंडली नहीं मिलती — तब क्या किया जाए?
क्या सिर्फ 36 गुणों के आधार पर रिश्ता तोड़ देना समझदारी है?
क्या मानसिक और व्यवहारिक सामंजस्य का कोई महत्व नहीं?
इस ब्लॉग में हम इन्हीं सवालों के संतुलित उत्तर तलाशेंगे।
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1. कुंडली न मिलने के कारण क्या होते हैं?
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि कुंडली मिलान सिर्फ एक संकेतक है, संपूर्ण सत्य नहीं। कुंडली न मिलने के प्रमुख कारण:
जन्म समय या स्थान में गड़बड़ी
कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर आधारित गुण मिलान, जिसमें व्यक्तिगत ग्रह स्थिति अनदेखी रह जाती है
केवल "गुण मिलान" के अंक देखना, बाकी दशा और ग्रह प्रभाव की अनदेखी करना
👉 कई बार दो लोगों की कुंडली में 18 से कम गुण मिलते हैं, लेकिन ग्रह दशा और व्यवहारिक सामंजस्य बहुत अच्छा होता है।
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🪷 2. सिर्फ गुण मिलान ही सबकुछ नहीं होता
हां, गुण मिलान (Ashta Koota Milan) एक प्रारंभिक मानक हो सकता है, लेकिन यह विवाह की सफलता की पूरी गारंटी नहीं देता।
क्यों?
क्योंकि जीवन में सबसे ज़रूरी चीज़ होती है —
एक-दूसरे को समझना
आदर और सम्मान देना
साथ खड़े रहना सुख-दुख में
यदि ये मूल बातें किसी रिश्ते में हैं, तो कुंडली के गुण कुछ हद तक अनदेखे भी किए जा सकते हैं — लेकिन यह निर्णय सोच-समझकर लेना चाहिए।
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3. कुंडली मिलान के अलावा क्या देखा जाना चाहिए?
जब कुंडली नहीं मिलती, तब यह ज़रूरी हो जाता है कि अन्य पहलुओं को और अधिक गहराई से देखा जाए:
✅ व्यवहार – क्या दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हैं?
✅ परिवार – क्या परिवारों की सोच और संस्कृति मेल खाती है?
✅ आर्थिक स्थिरता – क्या दोनों अपने भविष्य को लेकर जिम्मेदार हैं?
✅ स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन – क्या दोनों मानसिक रूप से संतुलित हैं?
✅ लक्ष्य और सपने – क्या दोनों की जीवन दिशा समान है?
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4. विशेषज्ञों से सलाह ज़रूरी है
यदि कुंडली मिलान में कम गुण आते हैं, तो तुरंत रिश्ते से पीछे हटने की बजाय एक अनुभवी ज्योतिषाचार्य से पूरी कुंडली का विश्लेषण करवाएं।
Jeevansakshi.in पर कई योग्य और अनुभवी ज्योतिषाचार्य उपलब्ध हैं जो सिर्फ गुण मिलान नहीं, बल्कि सम्पूर्ण कुंडली (दशा, भाव, ग्रह स्थिति) का विश्लेषण करते हैं।
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5. अगर समझदारी हो, तो रिश्ता निभ सकता है
भारत में कई ऐसे सफल विवाह हैं जहाँ कुंडली बिल्कुल भी नहीं मिली, लेकिन रिश्ता प्यार, त्याग और समझदारी से निभा।
यदि दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को समझते हैं, सम्मान देते हैं और रिश्ते को निभाने के लिए तैयार हैं — तो कुंडली का असंतुलन भी रिश्ता नहीं तोड़ सकता।
लेकिन ये फैसला बिना भावनाओं में बहकर नहीं, सोच-समझकर और सलाह लेकर ही लें।
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Jeevansakshi.in की सलाह
हमारे Matrimonial प्लेटफॉर्म पर हज़ारों रिश्ते बने हैं।
हमने देखा है —
जिन लोगों ने खुलकर बात की
जिन परिवारों ने विश्वास और समझदारी दिखाई
और जिन्होंने विशेषज्ञों से परामर्श लिया
उनका रिश्ता मजबूत और स्थायी रहा, चाहे कुंडली मेल खाए या नहीं।
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निष्कर्ष
कुंडली मिलान ज़रूरी है, लेकिन एकमात्र फैसला कुंडली के आधार पर लेना उचित नहीं।
विवाह जीवन भर का रिश्ता है — इसे निभाने के लिए
प्यार,
भरोसा,
व्यवहारिक समझ,
और सही मार्गदर्शन
की ज़रूरत होती है।
अगर आपकी कुंडली नहीं मिल रही है — तो घबराएं नहीं। सोचें, समझें और फिर निर्णय लें।
और हां — Jeevansakshi.in पर बने रिश्ते सिर्फ गुणों से नहीं, दिलों से भी जुड़ते हैं।